ना लिखेंगे खत हम आज के बाद। क्योंकि हो गई है, पेन की स्याही महंगी |
गुलाब भेजा था उसने, आखिरी खत के साथ, कमबख़्त गुलाब की खुशबु ने, खत पढ़ने ही नहीं दिया | happy rose day
कुछ प्राप्त करने के लिए आपको, गणना के अनुसार , कुछ खतरा उठाना होगा। Dhirubhai Ambani